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दावा- रूस के खिलाफ भारतीय गोला-बारूद इस्तेमाल कर रहा यूक्रेन: इन्हें इटली के रास्ते पहुंचाया जा रहा, रूस ने 2 बार भारत से शिकायत की

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2 घंटे पहले

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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूक्रेन पिछले एक साल से भारतीय गोला-बारूद का इस्तेमाल कर रहा है।

रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन, भारत का गोला-बारूद इस्तेमाल कर रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत ने ये हथियार यूरोपीय देशों को बेचे थे, लेकिन अब यूक्रेन इनका इस्तेमाल कर रहा है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस के विरोध के बाद भी भारत ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की है। इसमें 3 भारतीय अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि रूस ने 2 मौकों पर भारत से इसकी शिकायत की है।

भारत के गोला-बारूद इटली और चेक रिपब्लिक के जरिए यूक्रेन पहुंच रहे हैं। ये दोनों देश बड़ी मात्रा में भारत से गोले खरीदते हैं। पिछले एक साल में इन्हीं दोनों देशों ने भारत का गोला-बारूद यूक्रेन भेजा है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 21 हजार करोड़ रुपए का डिफेंस एक्सपोर्ट किया था। -सिम्बॉलिक इमेज

वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 21 हजार करोड़ रुपए का डिफेंस एक्सपोर्ट किया था। -सिम्बॉलिक इमेज

रूस ने भारत से की शिकायत

रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच बैठक हुई थी। इसमें इस मसले को उठाया गया था।

न्यूज एजेंसी ने बताया कि रूस और भारत की डिफेंस मिनिस्ट्री ने इससे जुड़े सवाल का जवाब नहीं दिया। हालांकि जनवरी में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत ने यूक्रेन को तोप के गोले नहीं भेजे या बेचे हैं।

भारत सरकार के दो सूत्रों और डिफेंस मिनिस्ट्री के दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि यूक्रेन जिस गोला-बारूद का इस्तेमाल कर रहा है, भारत ने उसका बहुत कम मात्रा में उत्पादन किया है।

एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि जंग शुरू होने के बाद कीव ने जितने गोले-बारूद खरीदे होंगे, ये उसका 1% भी नहीं है।

दावे के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर और सर्गेई लावरोव के बीच ये बातचीत प्रधानमंत्री मोदी के रूस दौरे के दौरान हुई थी।

दावे के मुताबिक विदेश मंत्री जयशंकर और सर्गेई लावरोव के बीच ये बातचीत प्रधानमंत्री मोदी के रूस दौरे के दौरान हुई थी।

सरकारी कंपनी यंत्र इंडिया ने बनाए गोला-बारूद

अभी तक यह पता नहीं चला है कि यूरोपीय देशों ने भारत का गोला-बारूद यूक्रेन को सहायता के तौर पर मुफ्त में दिया है या बेचा है। बताया जा रहा है कि ये हथियार यंत्र इंडिया नामक सरकारी कंपनी ने बनाए हैं। इस कंपनी का हेडक्वार्टर नागपुर में है। ये कंपनी अक्टूबर 2021 में बनी थी।

भारत ने हथियारों के निर्यात को लेकर नियम तय किए हुए हैं। इनके मुताबिक जो देश भारत से हथियार खरीद रहा है, केवल वही उनका इस्तेमाल कर सकता है। अगर हथियार दूसरे देश भेजे जाते हैं तो कंपनी हथियारों की डिलीवरी रोक सकती है।

एक्सपर्ट बोले- हथियार भेजा जाना भारत के लिए फायदेमंद

किंग्स कॉलेज लंदन के साउथ एशिया सिक्योरिटी एक्सपर्ट वाल्टर लैडविग ने कहा कि कम मात्रा में भारतीय गोला-बारूद का यूक्रेन भेजा जाना भारत के लिए फायदेमंद था। इससे भारत को पश्चिमी देशों को यह दिखाने का मौका मिलेगा कि वह रूस-यूक्रेन जंग में रूस के साथ नहीं है और रूस का भारत के फैसलों पर कोई प्रभाव नहीं है।

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जेलेंस्की बोले- भारत चाहे तो रूस-यूक्रेन जंग रुक सकती है:कहा- अगर भारत रूस से तेल नहीं खरीदे तो पुतिन सीजफायर के लिए मजबूर होंगे

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि अगर भारत और वहां के लोग रूस के प्रति अपना रवैया बदल लें तो यह जंग खत्म हो सकती है और पुतिन खुद ही यह फैसला लेंगे। भारत का रूस की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है।

शुक्रवार को PM मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद जेलेंस्की ने कहा, “हमने भारत के रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर चर्चा की। जंग की वजह से दुनिया में रूस पर ट्रेड से जुड़ी कई तरह की पाबंदियां लगी हुई हैं। लेकिन इस बीच भारत के दरवाजे खुले हैं। अगर भारत रूस से तेल आयात करना बंद कर देगा तो यह पुतिन के लिए बड़ी चुनौती होगी।” पूरी खबर यहां पढ़ें… दावा- भारत ने जंग में इजराइल को हथियार दिए:1500 KG विस्फोटक, 12 टन रॉकेट भेजे, चेन्नई से इजराइली तट पहुंचा हथियारों से लदा जहाज

भारत ने हमास के खिलाफ जंग के बीच इजराइल को हथियार निर्यात किए हैं। कतर के मीडिया अलजजीरा ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। इसके मुताबिक, भारत ने इजराइल को 20 टन रॉकेट इंजन, 12.5 टन विस्फोटक चार्ज वाले रॉकेट, 1500 किलो विस्फोटक सामान और 740 किलो गोला-बारूद सप्लाई किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 15 मई को बोरकम नाम का एक कार्गो जहाज स्पेन के तट पर पहुंचा था। यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीनी झंडा लहराते हुए अधिकारियों से जहाज की जांच की मांग की। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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